मंगलवार, 21 मार्च 2017

आदिवासी परिवार का चिंतन शिविर गांव गणराज्य माड्कोला में 19/3/2017 को सम्पन्न हुवा

आदिवासी परिवार भील प्रदेश का चिंतन शिविर 

गांव गणराज्य मडकोला (सागवाड़ा) में 19/03/2017 को सम्पन्न हुवा जिसमे पुरे गांव का सहयोग रहा ! 

  
आदिवासी परिवार से और पुरे भील प्रदेश से महाराष्ट्र गुजरात मध्यप्रदेश और पुरे राजस्थान से 15-20 हजार आदिवासी परिवार के समाजन ने भाग लिया अपने हक आधिकार रूढ़ि प्रथा को जानने के लिए बड़ी उत्साह से 6 गंटे पण्डाल में बेटे रहे व् अपने हक और अधिकार को जाना , जिसमे आदिवासी की संस्कृति व् ऐतिहासिक जानकारी दी मुकेश डामोर (चाडोली) और धनपाल (पाड़लिया) ने शिविर में बताया की वक्ताओं ने बताया की सविधान में दिए गए हक व् अधिकारो व् मालिकाना हक के बारे में 5 वी अनुसूची के आर्टिकल 244(1) 13 (3) क के तहत रूढिगत परम्परा और रूढ़िगत ग्राम सभा के बारे में बताया और रूढ़िगत ग्राम सभा को राज्य और विधान सभा से बड़ी हे इसे अवगत कराया गया ,  भील ऑटोनोमस कॉंसिल की और से भील प्रदेश की मांग भी हुई ,

                     मडकोला के इस शिविर में मुख्य वक्ता देवेन्द्र कटारा, बक्शीराम रोत, कान्ति भाई आदिवासी, डॉ वेलाराम गोगरा,डॉ किशोर डामोर, लक्ष्मण भमात,रामप्रसाद डिण्डोर,चुन्नीलाल डामोर, राजू भाई, विजय भाई, चंदू भाई बरंडा , आजाद कलासुआ, जगदीश मकवाणा, मेनका डामोर जिनल बरजोट सहित कई वकताओं ने सम्बोधित किया,

                                                                  जिन्होंने बताया की अनुसूचित सेत्र में नगरपालिका 243(जेड) (सी) के तहत असवेधानिक हे वहा रेवेन्यू रूल्स के तहत 1921 व 1972 आईपीसी व सीआरपीसी आदिवासियों पर सीधे तरीके से लागु नही होती हे,  आदिवासियों के हित में आये कयी फेसलो से भी आदिवासी समाज को अवगत कराया गया , वक्ताओं ने कहा की इन फेसलो को जल्दी लागु नही किया गया तो रूढ़िगत ग्राम सभा द्वारा विरोध किया जायेगा |


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